कुड़ुख़ इतिहास

कुड़ुख़  संस्कृतिक गही अत्तना-पुन्द्रना
कुड़ुख़  संस्कृतिक गही अत्तना-पुन्द्रना

कुड़ुख़र

कुड़ुख़रिन कुड़ुख़ बा उराँव हीं नामे ती भी अख़तारनर अउर द्रविड़ भख़ा समुदय ता भख़ा कसनखरनर: मुध रूप ती भारत ता झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, और पश्चिम बंगाल अउर असम, बिहार, त्रिपुरा, उत्तरी बांग्लादेश, पूर्वी नेपाल, और दक्षिणी भूटान नु र’अनर अउर सात टु राज्य नु अनुसिचित जनजाति हीं दर्जा ख़ख्रकी’ई र’ई। इसान नाम नमहय कुड़खर हीं बारे अउर नु अउर दाव ती अख़ना हीं चिहुँक ननोत।

मुक-मेत

🪘 कुड़ुख़र हीं नालना-पाँड़ना हीं रिवाज र’ई अउर बेड़ा-बेड़ा हीं नालना-पाड़ँना, आसना, ओरमा परब नु गहराई ति जुड़रकी र’ई। 

परंपरागत नालना-बेचना: करमा, जोड़रना बेचना, जात्रा, फग्गु अउर सरहुल नु जोड़रनर की नालनार बेचनार। 

अतना-पुन्द्रना नु लाल पैर साड़ी धूति, पगड़ी, 

असना बजा नु – ख़ेल, नग़ड़ा, घंटी ढपली अउर करताल।

डण्डी पाड़ते कहनी तेंगना अउर परब ती जुड़रक’आ रागी एकासे – डमकैच ‍जत्रा डण्डी

ओन्ना-मोख़ना:  झरा, अरसा अस्मा, ख़ेर लेटे 

  • करम बेचना-पांड़ना: करम पुजा मना ब'अनर होले  करम डण्डी रागी हीं डण्डी पांड़नर 
  • सरहुल बेचना-पांड़ना: सरहुल पुजा मना ब'अनर होले  सरहुल परब नया साल अउर साल मन्न नु नया अत्ख़ा ख़ोरी होले ई परब मना ब॑अनर डण्डी हीं डण्डी पांड़नर।

     

ख़ट्टा

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