🪘 संस्कृति और सामाजिक जीवन
🎶 संगीत और नृत्य
करमा, झूमर, जात्रा, फगुआ और सरहुल पारंपरिक नृत्य शैलियाँ हैं, जो मौसमीय और धार्मिक त्योहारों के दौरान प्रस्तुत की जाती हैं।
संगीत में मंदार, नगाड़ा, बांसुरी, डफली, घंटी, और ढंक जैसे वाद्य यंत्रों का उपयोग होता है।
गीतों में अक्सर प्रकृति, प्रेम, वीरता, और पौराणिक कथाओं की कहानियाँ सुनाई जाती हैं।
👪 सामाजिक संरचना
कुरुख समाज पितृसत्तात्मक होता है और यह गोतों (कुलों) में संगठित होता है, जिनका टोमीक (प्रतीकात्मक) संबंध होता है (जैसे: सूरज, बाघ, हाथी आदि)।
एक ही गोत्र के भीतर विवाह वर्जित होता है।
ग्राम परिषदें (जैसे पंच या परहा प्रणाली) पारंपरिक रूप से स्थानीय मामलों का संचालन करती थीं।